भारत भू की अस्मिता के रक्षक हो आर्य।
केशव केतन कर दिया हर दिसि में स्वीकार्य॥॥
जन नायक, सेवक बने, लखे न तन के रोग।
त्याग, तपस्या, साध से, करते प्रेरित लोग॥॥
शनिवार, 2 फ़रवरी 2008
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कविवर श्री मुरारी लाल गोयल 'शापित' द्वारा रचित सतसई (इसका प्रकाशन शीघ्र ही किया जा रहा है)
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